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मेष लग्न में चंद्रमा का भाव अनुसार विश्लेषण

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मेष लग्न में चंद्रमा का भाव अनुसार विश्लेषण

मेष लग्न में चंद्रमा का हर भाव में फल

मेष लग्न में चंद्रमा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि यह चतुर्थ भाव (सुख, माता, संपत्ति) का स्वामी है। इसकी स्थिति के अनुसार जातक के जीवन पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। नीचे मेष लग्न में चंद्रमा के प्रत्येक भाव में फल का विवरण दिया गया है:


1. प्रथम भाव (लग्न):

  • फल: चंद्रमा यहाँ जातक को संवेदनशील, भावुक और आकर्षक व्यक्तित्व देता है। जातक जल्दी भावुक हो सकता है, और मन में स्थिरता की कमी रह सकती है। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा, लेकिन मानसिक शांति के लिए ध्यान जरूरी है।

2. द्वितीय भाव (धन भाव):

  • फल: चंद्रमा यहाँ परिवार और धन के लिए शुभ होता है। जातक की वाणी मधुर और प्रभावशाली होती है। धन संचय में सफलता मिलती है, लेकिन खर्चों पर नियंत्रण रखना जरूरी है।

3. तृतीय भाव (पराक्रम भाव):

  • फल: चंद्रमा साहस और पराक्रम को बढ़ाता है। जातक मेहनती और अपने प्रयासों में सफल होता है। भाई-बहनों से अच्छे संबंध हो सकते हैं, लेकिन मन में अस्थिरता रह सकती है।

4. चतुर्थ भाव (सुख भाव):

  • फल: चंद्रमा यहाँ अपने स्वभाव के अनुसार बहुत शुभ होता है। जातक को माता का सुख और संपत्ति, घर, और वाहन का लाभ मिलता है। पारिवारिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

5. पंचम भाव (विद्या/संतान भाव):

  • फल: चंद्रमा यहाँ शिक्षा और संतान के लिए शुभ माना जाता है। जातक रचनात्मक और कल्पनाशील होता है। प्रेम संबंधों में सफलता मिलती है।

6. षष्ठ भाव (रोग/शत्रु भाव):

  • फल: चंद्रमा यहाँ कमजोर हो सकता है। जातक को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। शत्रुओं से सावधान रहना चाहिए।

7. सप्तम भाव (विवाह भाव):

  • फल: चंद्रमा यहाँ वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है। जीवनसाथी भावुक और सहानुभूतिपूर्ण हो सकता है। संबंधों में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं।

8. अष्टम भाव (आयु/गुप्त भाव):

  • फल: चंद्रमा यहाँ गुप्त ज्ञान, शोध, और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देता है। जीवन में उतार-चढ़ाव और आकस्मिक लाभ या हानि हो सकती है। स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है।

9. नवम भाव (भाग्य भाव):

  • फल: चंद्रमा यहाँ भाग्य को प्रबल बनाता है। जातक धार्मिक, दयालु, और लंबी यात्राओं से लाभ प्राप्त करने वाला होता है। उच्च शिक्षा में रुचि बढ़ती है।

10. दशम भाव (कर्म भाव):

  • फल: चंद्रमा यहाँ करियर में उतार-चढ़ाव ला सकता है। जातक रचनात्मक क्षेत्रों में अच्छा कर सकता है। माता या परिवार से करियर में सहयोग मिल सकता है।

11. एकादश भाव (लाभ भाव):

  • फल: चंद्रमा यहाँ आर्थिक लाभ, सामाजिक संबंध, और इच्छाओं की पूर्ति में सहायता करता है। जातक को मित्रों का सहयोग मिलता है।

12. द्वादश भाव (व्यय भाव):

  • फल: चंद्रमा यहाँ व्यय और मानसिक अस्थिरता का संकेत देता है। जातक को विदेश यात्रा से लाभ हो सकता है, लेकिन खर्चों पर नियंत्रण रखना आवश्यक है।

निष्कर्ष:

मेष लग्न में चंद्रमा जातक को भावुकता, कल्पनाशीलता और स्थायित्व प्रदान करता है। इसकी स्थिति के अनुसार हर भाव में शुभ-अशुभ फल मिलता है। शुभ चंद्रमा सुख, संपत्ति, और शांति देता है, जबकि अशुभ चंद्रमा मानसिक तनाव और स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ा सकता है।

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